जामिया व एमएमयू छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, हम चाहते है कि हिंसा बंद हो। अगर हिंसा हुई व सार्वजनिक सम्पति को कोई नुकसान पहुंचाया गया तो हम इस मामले को नहीं सुनेंगे। वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह और कोलिन गोनजालिव्स के नेतृत्व में वकीलों के समूह ने छात्रो पर कार्रवाई का स्वतः संज्ञान लेने की अपील की थी।
उच्चतम न्यायालय ने हिंसक प्रदर्शनो के दौरान सर्वजनिक संपत्ति नुकसान पहुचने और उपद्रव पर सोमवार को सख्त रुख अपनाया और कहा कि यह सब फौरन बंद होना चाहिए। हिंसक प्रदर्शन को सही नहीं ठहराया जा सकता। पीठ ने कहा,हिंसा रुकी तो वह मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई करेगी।