एकता की मिसाल की बड़ी झलक आपको नए साल पर सौहार्द 'के अनूठे संगम के रूप में देखने को मिलेगी। जहाँ एक ही मंच से 'अली और 'बजरंग बली 'का गुड़गान होगा और इसे करने वाले हिन्दू -मुस्लिम गौसेवक रहेगा। हिन्दू जहां कुरानख्वानी का हिस्सा होंगे तो मुस्लिम सुंदरकांड की चोपाई पढ़कर मन मोहेगे। इनका कहना है कि नववर्ष का आगाज समाज को एकता का संदेश देकर करेंगे।
इस संकल्प को पूरा करने का बीड़ा उठया है उन्नाव के हनुमंत जीव आश्रय के संस्थापक अखिलेश अवस्थी और उनके साथ कदम से कदम मिलकर चलने वाले कारोबारी नफीस और नजम खान ने। इनका कहना है कि एक जनवरी को होने वाले आयोजन में पहले कुरानख्वानी और फिर सुंदरकांड का पाठ होगा। इसका उद्देश्य दोनों धर्म के लोगो को एक साथ व एक ही मंच से आरधना और इबादत करना है।