पाकिस्तान अल्पसंख्यको को प्रताड़ित करने के मामले बढ़े

पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति लगातार खराब हो रही है। कट्ठर पंथी विचारधारा के कारण वहां हिन्दू समेत अन्य अल्पसंख्यक वर्ग के लोग सुरक्षित नहीं है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन )की प्रकाशित एक ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ। पाकिस्तान में इमरान खान के सत्ता में आने के बाद अल्पसंख्यको को प्रताड़ित करने के मामले बढ़े है। 


इमरान खान सरकार अल्पसंख्यको पर हमले के लिए कट्ठरपंथी विचारो को बढ़ावा दे रही है। हिन्दू व ईसाई सबसे ज्यादा खतरे में है। हर साल इन दोनो समुदायों की सैकड़ो बेटियों को अगवा कर धर्म परिवर्तन कराया जाता है। उन्हें मुस्लिम से शादी करने पर मजबूर किया जाता है। मुस्लिम युवको से शादी के बाद अपहरणकर्ताओ द्वारा दी गयी धमकीयो के चलते पीड़िताओं के परिवार के पास लौटने की कोई उम्मीद नहीं होती है। 


संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी इस रिपोर्ट में पाकिस्तान की पुलिस और न्याय व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े किये गए। इसमें कहा गया कि पीड़ित अल्पसंख्यों के प्रति पाकिस्तान पुलिस और देश की न्यायपालिका भी भेदभावपूर्ण रवैया अपनाते है। अगवा की गयी अल्पसंख्य महिलाओ के मामले में पुलिस भी कोई करवाई नहीं करती है। पुलिस और न्यायपालिका अल्पसंख्यको को दोयम दर्जे का नागरिक मानती है। 


रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान में ईशनिन्दा कानून का लोग अल्पसंख्यको के उत्पीड़न के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ईशनिन्दा कानून और उसके ऊपर बढ़ते कट्ठरवाद की वजह से देश में सामाजिक सौहार्द को भारी नुकसान पहुँचता है।