कैबिनेट द्वारा जैव विविधता संरक्षण ,पर्यावण सुरक्षा ,जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को न्यून करने,अनियंत्रित पातन पर निंयत्रण ,वृक्षावरण में वृद्धि वानिकी को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला किया गया। वृक्ष स्वामी दवरा काटे गए प्रत्येक वृक्ष के स्थान पर कम से कम 10 वृक्ष अपनी जमीन पर लगाने होंगे। अगर जगह नहीं है तो मालिक द्वारा वन विभाग 10 पेड़ का पैसा जमा करना होगा। इससे वन विभाग अपनी जमीन पर प्रतिपूर्ति पौधा रोपण करवाएगा।
प्रदेश सरकार ने पेड़ो की अनियंत्रित कटाई को रोकने व पर्यावरण संरक्षण के लिए 29 प्रजाति के पेड़ो को काटने से पहले अनुमति लेनी होगी। आम ,नीम ,पीपल के पेड़ बिना अनुमति नहीं कटेंगे।अनुमति वाले पेड़ो की श्रेणी में
(1 )आम,(देशी तुकमी /कलमी ),नीम ,साल ,महुआ ,बीजा साल,पीपल ,बरगद ,गूलर ,पाकड़ ,अर्जुन ,पलाश ,बेल ,चिरौंजी ,खिरनी ,कैथा ,इमली ,जामुन ,असना ,कुसुम ,रीठा ,भिलावा ,तुन ,सलई ,हल्दू,बाकली,धौ ,खैर,शीशम एवं सागौन के वृक्ष है। इन्हे काटने के लिए ऑनलाइन सक्षम प्राधिकारी से अनुमति लेनी होगी।