पुलिस बल प्रयोग की जांच के लिए आयोग बनाने से सुप्रीमकोर्ट का इंकार

नागरिकता कानून के खिलाफ देश के विभन्न हिस्सों में हिंसक विरोध और पुलिस के बल प्रयोग की घटनाओं की जांच के लिए आयोग बनाने  से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा ,यदि कोई बसें जला रहा है ,पत्थर फेंक रहा हो तो पुलिस क्या करे। कानून व्यवस्था की समस्या है। जो कानून को हाथ में लेगा उस पर करवाई होगी। अदालत ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि हमे आश्चर्य है कि उन्हें तथ्यों की जानकारी नहीं है।  


           ये टिप्पणियां करते हुए शीर्ष अदालत ने सभी याचिकाकर्ताओं को राहत और जांच आयोग के गठन  के लिए संबंधित राज्यों के उच्च न्यायालय जाने का निर्देश दिया जहां हिंसा की घटनाए हुई है। 


       मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे,जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि हर राज्य में अलग तरह के मामले हुए है ऐसे में एक आयोग बनाकर उसे हर जगह भेजना तार्किक नहीं होगा। हाईकोर्ट सरकार का पक्ष सुनकर उचित आदेश पारित करेंगे। पीठ ने इस तथ्य का उल्लेख किया कि याचिकाकर्ताओं के हर आरोप का केंद्र की ओर से एसजी तुषार मेहता ने खंडन किया है।