गोस्वामी तुलसीदास महाराज ने रामचरित मानस की रचना अयोध्या में शुरू की थी। अयोध्या रीविजिटेड पुस्तक के लेखक एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल कहते है कि तुलसीदास जी ने मानस की रचना रामजन्मस्थान में ही बैठकर की थी। वह कहते हैं कि यह सवाल उठाना गलत है कि उन्होंने मंदिर तोड़े जाने बारे नहीं लिखा। वास्तव में उस समय मंदिर मौजूद था। वह बताते है कि तुलसीदासजी का कार्यकाल (जन्म 1568 ई -मृत्यु 1680 ई ) में था। उन्होंने बताया कि गोस्वामीजी ने अपने जीवन के 67 वर्ष में मानस की रचना प्रारम्भ की थी। इस तरह से यह कालखंड 1636 ई के करीब था। वह कहते है की जब घटना 1660 ई. की है तो 1636 में मंदिर तोड़ने का उल्लेख कैसे हो सकता है।
रामचरित मानस की रचना अयोध्या में