नदियों को प्रदुषण से बचने की दिशा में राज्य सरकार एक बड़ा प्रयास करने जा रही हैं। नमामि गंगे के तहत गंगा नदी को निर्मल और स्वच्छ बनाने की पहल के साथ ही सरकार प्रदेश की चार अन्य प्रमुख नदियो यमुना,हिंडन,रामगंगा और राप्ती नदी के किनारे जैविक खेती कराई जायेगी। इससे नदियों को प्रदूषण मुक्त करने में मदद मिलेगी। चारो नदियो के जल ग्रहण क्षेत्र में भी गंगा नदी के जल ग्रहण क्षेत्र की भाति जैविक खेती को पहले बढ़वा दिया जाएगा। इसके पीछे सबसे प्रमुख उद्देश्य यही बताया जा रहा है कि प्रदेश की नदियों को पूरी तरह से प्रदुषण रहित बनाया जाएगा। इसी उदेश के तहत सतह के ऊपर के जल जो सबसे अधिक नदियों में है और पेयजल का प्रमुख स्रोत्र भी है ,को प्रदुषण रहित बनाया जाएगा।
गंगा के भाति चारो नदियों को भी प्रदूषण से मुक्त किया जाएगा।
केंद्र के नमामि गंगे प्रोजेक्ट में गंगा को पूरी तरह से प्रदूषण रहित बनाने के लिए तमाम दिशा निर्देश जारी किये गए है जिसमे शहरी नालो के दूषित जल को सीधे गंगा नदी में न गिरकर उसे शोधित कर खेती व अन्य कार्यो में उपयोग करने के निर्देश हैं।
साथ ही फैक्ट्री व कल-कारखनो से निकलने वाले रसायन युक्त पानी को भी सीधे नदी में शोधित कर दूसरे उपयोग में लाने को कहा गया है। गंगा के जल ग्रहण क्षेत्र में पड़ने वाले खेतो में पूरी तरह जैविक खेती करने पर भी जोर दिया गया है।