लम्बी लड़ाई के बाद सेना में महिलाओ को बराबरी का हक़ मिलने का रास्ता साफ हो गया है। एक अद्भुतपूर्व फैसले में उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार को आदेश दिया कि, उन सभी महिला अधिकारियो को तीन महीने के भीतर स्थायी कमीशन दिया जाए जो वह विकल्प चुनना चाहती है। शीर्ष अदालत ने केंद्र की दलीलों को ख़ारिज करते हुए कहा कि मानसिकता बदलनी होगी।
सर्वोच्च अदालत ने सरकार की उस दलील को परेशान करने वाली और समानता के सिद्धांत के विपरीत बताया जिसमे कमान मुख्यालय में नियुक्त न देने में शारीरिक सीमाओं व सामाजिक मानदंडों का हवाला दिया गया था।