सन 1862 से 1905 तक के है सिक्के -------

चुनार। खेत मालिक 60 वर्षीय मोतीलाल ने बताया कि दादा भगवान दास बैजनाथ व जगन्नाथ खेत खुदाई वाले स्थल पर रहते थे। दादा बताते थे कि 1936 की बाढ़ में मकान गिर गया था। सब कुछ उसी में दब गया था। दादा तब दूसरे स्थान पर मकान बनवा लिया था। जिस स्थान पर खुदाई हो रही थी वही पर उनका पुराना मकान था। 


                                              खुदाई के दौरान मिले सिक्को पर सन 1862,1877 ,1878, 1900, व 1905 अंकित है। खुदाई कार्य रुकवा दिया गया है। खेत के मालिक मोतीलाल को लॉकडाउन के बाद खेत की खुदाई करने का निर्देश उपजिलाधिकारी ने दिया है।