सूर्य देव व उनकी पत्नी छाया की कोख से पुत्र के रूप में यमराज, पुत्री के रूप यमुना ने जन्म लिया। मान्यता है कि कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन बहन यमुना ने अपने भाई यमराज को अपने घर भोजन के लिए आमंत्रित किया। अमूमन अपने काम में व्यस्त रहने वाले किसी के यहां जाते नहीं थे। लेकिन बहन यमुना के विशेष आग्रह पर द्वितीया के दिन यमराज उनके घर पहुंचे।
भाई के पहुंचते ही बहन ने खूब विविध प्रकार के भोजन कराये। बहन के प्रेम पूर्वक भोजन कराने से यमराज खुश हुए। बहन को वरदान मांगने को कहा। इस पर बहन ने अपने भाई यमराज से प्रतिवर्ष कार्तिक शुक्ल द्वितीया को आने का वचन मांगा। यमराज ने भी अपनी बहन की इच्छा पूरी करने का वरदान दिया। परंपरा के अनुसार भईया दूज पर बहन यमराज से अपने भाई की लम्बी उम्र के लिए मंगल कामना करती है।