भगवान भास्कर के उपासना का चार दिवसीय महापर्व सूर्य षष्ठी बुधवार को नहाय-खाय से शुरू हो गया। इस दिन व्रतियों ने सुबह गंगा स्नान कर दिनभर व्रत रखा। शाम को सूर्यास्त के समय छठी मइया को कद्दू मिश्रित चने की दाल,नये चावल का भात प्रसाद चढ़ाने के बाद खुद भी ग्रहण किया। शुक्रवार को खरना में दिनभर व्रत रहने के बाद शाम को षष्ठी मइया को सूर्योदय के वक्त दूध-नये चावल और गुड़ की बखीर, गेहूं के आटे की रोटी ग्रहण करेंगी। इसके बाद से 36 घंटे का निर्जला कठिन व्रत का शुभारंभ होगा। जो सप्तमी के दिन यानि रविवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ पारण किया जाएगा।
छठ पूजन शुभारंभ ------