लालगंज। परमहंस आश्रम जयकर कला सतसंग करते हुए स्वामी भाव नन्द महाराज ने कहा की गुरु मिलने पर ही अज्ञानता और अंधकार मिटता है और सत्मार्ग के रास्ते मिलते है और गुरु ह्रदय में निवास करते है जिस प्रकार अंगुलिमाल और वाल्मीकि को गुरु के मिलने पर ही सत्मार्ग मिला।
गुरु से मिलता है सत्यमार्ग ------