कठिन यात्राएं एक छोटे कदम से ही तो शुरूहोती है -------

चलते जाने के अनेक मायने है - तनाव व गुस्सा पैदा करने वाली बहसों से दूर चलिए। ऐसे लोगों से दूर चलिए, जो जो आपको नीचा दिखाने को आतुर रहते है। ऐसे ख्यालात से परे चले जाए जो आपका सुकून छीनते है। अपनी गलतियों और भय के भवर में फसे रहने की बजाय इनसे दूर चले जाने में ही भलाई है, क्योकि यही आपका भविष्य आंकने के लिए काफी नहीं। यानी जब-जब मन थक जाए, विचलित होने लगे,तब-तब पैदल चलना करामाती बनकर उभरता है। मीलो-मील की कठिन यात्राएं एक छोटे कदम से ही तो शुरू होती है।