बिहार का सत्ता संग्राम शुरू से अंत तक क्रिकेट से भी ज्यादा रोमांचक रहा। चुनाव प्रचार के दौरान एनडीए और महागठबंधन के नेताओं की सभाओं में उमड़ने वाली भीड़ ने इसे दिलचस्प बनाए रखा और उस दौर में भी सियासी पंडितों के लिए किसी ठोस नतीजे पर पहुंचना मुश्किल रहा तो मत गणना के दिन ने तो कमाल ही कर दिया। आकड़ो की उछल-कूद ने तो नेताओं को छोड़िये, आम लोगों को भी हर पल टीवी स्क्रीन पर आंखे गड़ाए रखने के लिए मजबूर कर दिया।
कई क्षण सांसे अटकाने वाले भी रहे। सुबह मतगणना के रुझान आने शुरू हुए तो महागठबंधन समर्थकों की बांछे खिल उठी। लेकिन घंटे भर बाद ही रुझान बदलने लगे और एनडीए आगे निकल पड़ा।