थोक महंगाई दर अक्टूबर में बढ़कर 1.48 प्रतिशत पर पहुंच गई। बीते तीन महीने से लगातार बढ़त दर्ज की जा रही है और आठ महीने में यह सबसे उच्चतम स्तर है। विनिर्मित उत्पाद महंगे होने को इसकी बड़ी वजह माना जा रहा है।
सितंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 1. 32 प्रतिशत पर और पिछले साल अक्टूबर में शून्य पर थी। फरवरी के बाद यह थोक मुद्रास्फीति का सबसे ऊंचा आकड़ा है।