उपभोक्ता के खाते में जाती है सब्सिडी -------

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि चुकी यह उपभोक्ताओं को सीधे भुगतान की जाती है, इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि सेवा देने वाली कंपनी सार्वजनिक क्षेत्र की है या निजी क्षेत्र की। उन्होंने कहा कि विनिवेश के बाद भी बीपीसीएल के उपभोक्ताओं को एलपीजी सब्सिडी पहले की तरह मिलती रहेगी। 


                   सरकार बीपीसीएल में प्रबंधन नियंत्रण के साथ अपनी पूरी 53 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है। कम्पनी के नए मालिक को भारत को तेल शोधन क्षमता का 15. 33 प्रतिशत और ईंधन बाजार का 22 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा। देश के कुल 28.5 करोड़ एलपीजी उपभोक्ताओं में 7.3 करोड़ उपभोक्ता बीपीसीएल के है। प्रधान ने कहा, इन सभी को सरकारी सब्सिडी मिलती रहेगी।